फिट इंडिया अभियान और अपका स्वास्थय

फिट इंडिया अभियान और अपका स्वास्थ्य


   स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मन ही जीवन का मूल-भूत सिद्दान्त है। प्राचीन समय में यह कहावत प्रचलित थी, पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख साथ में माया। वर्तमान सन्दर्भ में कह सकते है कि माया तो प्राप्त की जा सकती है किन्तु अच्छा स्वास्थय पैसे से नही खरीदा जा सकता। मोटापा अस्वस्थ  जीवन शैली का परिचायक है। आधुनिक जीवन शैली में रचे-बसे लोग शारिरिक श्रम को अहमियत नहीं देते, तथा दैनिक जीवन में स्वयं से किये जाने वाले कार्य को मशीनी-उपकरणों से जोड़ कर करते हैं। शारिरिक श्रम का अभाव ही मोटापे को जन्म देता है। ज्यादातर बैठे-बैठे काम करते लोग आलस्य के घेरे में कैद कर लेते हैं। 

स्वास्थ्य की आवश्यकता 

    पृथ्वी का एक तिहाई आबादी मोटापे से ग्रस्त है। पूरे विश्व में मोटापा महामारी की तरह फैल रहा है। पृथ्वी का हर छठा व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त हैै।  हर वर्ष करीब 28 लाख लोगों की मृत्यु मोटापे से होती है। अमेरिका व चीन के बाद भारत तीसरे स्थान पर मोटापे की ओर है। यहाँ पर बच्चे, किशोर, युवा व मध्यम आयु वर्ग के लोगो को अपनी चपेट में ले लिया है। 
अपनी उर्जा को देश को आगे बढ़ाने में खर्च करे न कि बिमारी का इलाज करने में खर्च करे।2 अरब से ज्यादा बच्चे व्यस्क मोटापे से ग्रस्त है। शहरीकरण व विकास के साथ मोटापा भी बढ़ता जाता है। दिल्ली व मुम्बई में ज्यादा है अपेक्षाकृत छोटे शहरों व ग्रामीण अंचल में । भारत में  आई0एच0एम0ई के रिपोर्ट में 2017 में सबसे ज्यादा 63 फीसदी मौते हार्ट अटैक से हुई।

इस तरह की समस्या का विकराल रूप देख प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने कार्यक्रम मन की बात में इस समस्या में प्रति जागरूक रहने को कहा है। करीब 34 प्रतिशत भारतीय बिमारियो से ग्रस्त है। यह बीमार व आलसी लोगो को देश बनता जा रहा है।

फिट इंडिया अभियान और अपका स्वास्थय
फिट इंडिया अभियान और अपका स्वास्थय

अस्वस्थता व मोटापा के कारण

  आज वर्तमान समय में आम भारतीयों ने अपनी परम्परागत जीवन-शैली को त्याग कर पश्चिमी सभ्यता का अन्धानुकरण कर लिया है।  हमें कब जागना है, कब सोना है, उसका ज्ञान  शारिरिक जरूरतो के अनुरूप न रख कर अपनी स्वयं की इच्छा पर रखते हुए प्राकृतिक नियमों से दूर चले जाते हैं, तथा बिमारियों को निमंत्रण देते है। आदि -मानव की तरह प्रकृति के किसी भी नियम का पालन नही करते। मोबाइल व कम्प्युटर पर घन्टों बैठ कर समय गुजारते है।

शारिरिक श्रम का अभाव

 पहले समय में पैदल चलना, साइकिल चलाना, सुबह की सैर पर जाना, योग-ध्यान व व्यायाम करना, कार्यालय से घर आने जाने के लिए व समान खरीदने के लिए साइकिल या सार्वजनिक यातायात के साधनो का प्रयोग करते थे। स्कूल कालेज जाने वाले बच्चे साइकिल का प्रयोग करते थे। अब तो बाइक व कार से आना जाना करते है। जिससे शारिरिक श्रम नही होता, पसीना नहीं निकलता तथा शरीर की उर्जा खर्च नही हो पाती। धीरे-धीरे व्यक्ति आलसी हो जाता है। पुरूष की कमर की माप 90 सेन्टिीमीटर व महिलाओ की कमर की माप 80 सेन्टिीमीटर हो तो उन्हे मोटापे की श्रेणी में रखा जा सकता है।

असन्तुलित खान पान की आदतें 

  आज को युवा व बच्चे खानपान में जंक-फूड, पिज्जा र्बगर वसा युक्त मैदे व सूजी से बने भोजन कोल्ड डिंक्स व चिप्स आदि का सेवन कर रहे है। फल-फूल व हरी सब्जियो का भोजन में प्रयोग नही करते जिसमें पौष्टिक तत्व नही मिल पाते जिससे बिमारियां  देखने को मिलती है। गुणवत्तो के मामले में पैक्डफूड फिसड्डी है। न्योट्रिशन न्योरो साइन्स पत्रिका कहा गया है कि अच्छे मानसिक स्वास्थय के लिए आहार में पोषण तत्वों की आवश्यकता होती है।

फिट इंडिया अभियान की शरूआत

मोदी जी ने 29 अगस्त 2019 को महान हाॅकी खिलाड़ी ध्यान चन्द्र की जयन्ती  राष्ट्रिय खेल दिवस के अवसर पर फिट इंडिया अभियान की शुरूआत की। हर नागरिक को स्वस्थ रखने के लिए फिट इंडिया की शुरूआत की गई। इस अभियान के तहत लोगो जन जागरूकता फैलाना है कि स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मन ही भारतीय जन-जीवन को उर्जा से ओत-प्रोत कर सकता है। स्वस्थ्य शरीर का व्यक्ति अपनी कार्य-कुशलता व कार्य-क्षमता में वृद्दी करता है जिससे देश की जी0डी0पी0 1 प्रतिशत बढ़ सकती है।

यह चार वर्षीय अभियान है, प्रत्येक वर्ष की फिटनेस  की अलग-अलग योजना है। प्रथम वर्ष शारिरिक फिटनेस पर जोर दिया जायेगा। दूसरे वर्ष खान-पान की आदतों पर तीसरे वर्ष पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक करना है तथा चौथे वर्ष  रोगो से मुक्त रहने के लिए योजनाओ पर कार्य करना होगा।

एक अघ्धयन में 20 वर्ष से 60 बर्ष तक आयु वर्ग के भारतीय लोगोे की कार्य करने की उच्च  उत्पादकता साढ़े 6 वर्ष है जबकि चीन की 20 वर्ष, ब्राजील की 16 वर्ष, श्री लंका की 13 वर्ष है।

स्पेन में प्रति व्यक्ति आय प्रति वर्ष 4लाख 73 हजार रूपये है जबकि भारत में प्रतिव्यक्ति आय 1 लाख 36 हजार रूपये है। ब्लोमबर्ग हेल्थ इंडेक्स में स्वास्थ्य की दृष्टि से प्रथम स्थान पर  इटली है इसके बाद आयलैंड, जापान, स्विटज़र लैंड  का स्थान है।

विरासत में धन दौलत व भौति सुख-सुविधायें प्राप्त की जा सकती है किन्तु स्वस्थ तन व स्वस्थ मन तो स्वयं की उर्जा से प्राप्त किया जा सकता है।  विकसित देशो की यह बिमारी विकासशील देशो में अपना  फैलाव कर रही है।

फिट इंडिया  के लिए व्यक्तिगत स्तर पर उठाये  जाने योग्य कदम 

  आजकल यह अस्वस्थ जीवन शैली की महामारी मोटपा ने छोटे बच्चों, युवाओं व मध्य आयुवर्गके लोगो को अपनी चपेट में ले लिया है। यह कम आयु मेें लोगो को  डायबटीज, हाइपरटेंशन, अस्थमा, जोड़ो का दर्द, गठिया के शिकार हो रहे हैै।

  योग ध्यान व व्यायाम को अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाये। चाहे आप किसी धर्म को माने आप अपने अध्यात्म के प्रति झुकाव रखे।

   शारिरिक श्रम को प्राथमिकता देना है। सुबह आधा धंटा स्वयं के लिए निकालना है, इस समय का प्रयोग ध्यान, योग, व्ययाम के लिए निकाले। रोज करीब 10000 कदम टहलने का लक्ष्य र्निधारित करना चाहिए।

स्कूल जाने वाले बच्चों स्कूलों में एक घंटा नियमित शारिरिक अभ्यास व खेलकूद  के लिए देना चाहिए। जब तक पसीने से अच्छी तरह भीग न जाये तब तक खेलना है या टहलना है। घर में गोल-गोल घूमना, खो खो फुटबाल कबड्डी क्रिकेट आदि  खेलने के लिए माता-पिता को प्रेरित करना चाहिए।

खाने-पीने की आदतो को सुधरना पिज्जा बरगर वसा युक्त मैदा सूजी आदि से परहेज करे। घर का बना सादा भोजन ही उनके आहार में शामिल करें। मिलावटी खाने से परहेज करे  उन्हे पौष्टिक भोजन खाने दें क्योकिं बच्चों की शारिरिक विकास होता है तथा उनकी हड्डियो मांसपेशियों तथा मस्तिष्क विकसित होता है।

आहार में सलाद फल सब्जिया खाये। मोटा अनाज ज्वार,बाजरा, मक्का, जई का सेवन करे। नमक व चीनी का कम प्रयोग करे इसके स्थान पर गुड़ व देशी शक्कर का प्रयोग करे।

सोने से 2 धंटा पहले भोजन करे तथा भोजन करते समय टी0वी0 मोबाइल न देखे। देर रात तक जागने से मना करे तथा जल्दी सोने और जल्दी उठने की आदत डाले, तथा 7-8 घन्टे की समुचित नींद की आदत डालें। खाने पीने की आदत में सुधार कर 10 प्रतिशत बिमारियों को रोका जा सकता है।

यदि हारमोंनल असन्तुलन के कारण मोटापा बढ़ रहा है तो चिकित्सक की सलाह से दवा ले व व्यायाम करवाये। शारिरिक बनावट तो अनुवांशिक होती है कितु अगर बच्चा थकता नही है उर्जावान रहता है तो उसे स्वस्थ कहा जा सकता। 
अगर आपकी लंबाई 160 सेन्टिमीटर तो इसमे 100 घटा दे जो वजन आता है 60 किलो  तो आपका अनुमानित वजन होगा जो 1 से 2 किलो आगे पीछे हो सकता है। आदर्श वजन बाडी मास इंडेक्स के द्वारा निकाला जाता है।
यहां युवा माता पिता को यह सलाह दी जाती है छोटे बच्चों के खाने में ज्यादा ध्यान देना चाहिए। सादा भोजन खाने को दे तथा जंकफूड कभी कभार ही दे उनको जंक फूड का गुलाम न बनाये।

सरकार द्वारा उठाये गये कदम

   स्वस्थ व्यक्ति स्वस्थ परिवार व स्वस्थ समाज ही फिट इंडिया अभियान का मूल मंत्र है। हर नागरिक को स्वस्थ रखने के लिए फिट इंडिया अभियान की शुरूआत की गई है।

संविधान में खेल राज्योे की जिम्मेदारी है जिला स्तर व राज्य स्तर केन्द्र स्तर पर खेल को बढ़ावा देना है। सरकार ने 2019 में 2216 करोड़ रूपये का खेल बजट प्रवधान किया है। खेल मंत्री किरण रिजिजू ने शारिरिक रूप से जन भागीदारी का सहयोग निश्चित किया है।

इस अभियान के तहत खेल मंत्री किरण रिजिजू की अध्यक्षता में  ओलंपिक खेल संघ, राष्ट्रिय खेल संघ सरकारी अधिकारियों की कमेटी बनायी गई है।  खेल-जगत, उद्योग जगत फिल्म जगत व सफल योग गुरूओं व अध्यात्मिक विद्वानों रानीतिज्ञों के द्वारा दैनिक जीवन में स्वस्थ रहने की कार्यशाली पर प्रेरणा दी जायेगी।

इस  के अन्र्तगत खेल मंत्रायलय, मानवसंसाधन मंत्रालय व शहरी विकास मंत्रालय को जोड़ा गया है। राज्य सरकारे व केन्द्र सरकार मिल कर विभिन्न योजनाओ पर कार्य कर रही है कि कैसे देश के नागरिक युवा बच्चे स्वस्थ रह सके।

   गांव जिला पंचायत व नगर पालिका प्रदेश सरकार के राज्य स्तर पर एक साथ मिलकर लोगो के स्वाथ्य जीवन शैली को अपनाने के लिए जागरूक हो। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वार स्कूल स्तर पर 800 करोड़ रूपये कह व्यवस्था की गई है। स्कूलो मे 15000 से लेकर  75000 शारिरिक शिक्षा के लिए रखे गये है।

फिट इडिया  के लिए हर कालेज व विश्व विद्यालयों में 15 दिवसीय कार्य-शाला का आयोजन किया जायेगा।

 इसके अतिरिक्त विभिन्न स्तरो पर स्वयं सेवको, सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम गठित की जायेगी जो लोगो का इस अभियान से जोड़ेगे। प्रचार प्रसार के लिए मोबाइल एप सोशल मीडिया ,रेडियो टी0वी व नुक्कड़ नाटको के द्वारा लोगो को सेहत पर ध्यान देने के सलाह दी जायेगी। 
केरल व पंजाब राज्य में फैट-फूडकी बिक्री पर14प्रतिशत फैट टेक्स लगाया जाता है।
उड़ीसा राज्य हाकी में अच्छा प्रर्दशन कर रहे है। मणिपुर व गोवा में भी खेलो को प्रोत्साहन से अच्छे खिलाड़ी उभर कर आये है।
हमारे देश में खेल पर प्रति खिलाड़ी प्रतिदिन  3 पैसा खर्च किया जाता है जबकि अमेरिका में 25 पैसा खर्च किया जाता है।

स्वामी विवेकानन्द जी का कथन है कि लक्ष्य र्निधारित कर अच्छा जीवन जी सकते है। यह मंत्र है जीरो निवेश शतप्रतिषत लाभ। यह अभियान किसी एक मंत्रालय का नही यह मंत्र पूरा देश व हर परिवार का है। जिसे पूरे देश में उत्सव की तरह मनाना चाहिए। स्वच्छ भारत अभियान की तरह इस फिटनेस अभियान को भी हर दूर-दराज के इलाकों में भी पहुचाना हैै।भारतीय नागरिको अनुशासित जीवन शैली अपनाकर तन-मन से स्वस्थ रह कर देश की सेवा करने का एक सुद्वढ़ प्रयास है। 

विभिन्न देशों में उठाये गये कदम

चीन वर्ष  2030 तक हेल्दी चाइना बनाने के लिए मिशन मोड मे काम कर रहा है। 
आस्टेलिया 2020 तक 15 प्रतिशत लोगो को व्यायाम से जोड़ने का प्रयास कर रहा है।
अमेरिका वर्ष 2021 तक 1000 शहरो में फिटनेस केन्द्र बना रहा है।
ब्रिटेन वर्ष 2020 तक 5लाख लोगो को नये व्यायाम से जोड़ेगा।
जर्मन फिट इन्सटीयुट आफ फैट का अभियान चला रहा है।






SHARE

Hi. I’m Madhu Parmarthi. I’m a free lance writer. I write blog articles in Hindi. I write on various contemporary social issues, current affairs, environmental issues, lifestyle etc. .

    Blogger Comment
    Facebook Comment

3 comments:

PRAVEEN KUMAR KHARE AGM SBI said...

अति सुंदर प्रेरणादायक लेख

Unknown said...

A very informative and impressive article. These types of articles are important for the society.

Anonymous said...

The article is well versed written. It includes good information which can be helpful for a reader.